मंगलवार, 6 अप्रैल 2010

ऐसा होता है कंजूस आदमी.......




कंजूस आदमी का गड़ा हुआ धन

ज़मीं से

तभी बाहर निकलता है

जब वह

स्वयं ज़मीं में गड़ जाता है


- शेख सादी