tag:blogger.com,1999:blog-1257199904685632968.post1344026371367232833..comments2023-06-25T16:12:58.260+05:30Comments on साहित्य-सहवास: टूटना और बिखरना है बाकी अभीAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1257199904685632968.post-18873854181285127442009-11-18T20:43:55.635+05:302009-11-18T20:43:55.635+05:30जल्दबाजी न कर 'अलबेला' इस कदर
उनका इज़हार ...जल्दबाजी न कर 'अलबेला' इस कदर<br />उनका इज़हार करना है बाकी अभी॥<br />वाह वाह क्या खूब कहा है। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1257199904685632968.post-91321864750106289692009-11-16T10:43:45.666+05:302009-11-16T10:43:45.666+05:30जल्दबाजी न कर 'अलबेला' इस कदर
उनका इज़हार ...जल्दबाजी न कर 'अलबेला' इस कदर<br />उनका इज़हार करना है बाकी अभी॥<br /> उम्दा पंक्तियाँ! इंतज़ार का फल हमेशा मीठा होता है !Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1257199904685632968.post-68694708173819869102009-11-15T22:14:06.011+05:302009-11-15T22:14:06.011+05:30बहुत सुन्दर गज़ल!
अन्धों को आइना दिखाती हुई!बहुत सुन्दर गज़ल!<br />अन्धों को आइना दिखाती हुई!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1257199904685632968.post-66939065608833628582009-11-15T13:11:12.283+05:302009-11-15T13:11:12.283+05:30जल्दबाजी न कर 'अलबेला' इस कदर
उनका इज़हार...जल्दबाजी न कर 'अलबेला' इस कदर<br /><br />उनका इज़हार करना है बाकी अभी<br /><br />bahut sundar !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1257199904685632968.post-42328857199140312162009-11-15T11:09:05.966+05:302009-11-15T11:09:05.966+05:30जल्दबाजी न कर 'अलबेला' इस कदर
उनका इज़हार ...जल्दबाजी न कर 'अलबेला' इस कदर<br />उनका इज़हार करना है बाकी अभी<br />सही है इज़हार तो कर लेने दीजिए. बहुत खूबM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.com