मंगलवार, 12 जनवरी 2010

भूतपूर्व भाजपाईजी के नाम कुछ अभूतपूर्व काइकू




किताब लिखो

पर ज़रूरी नहीं

ख़राब लिखो



ख़राब लिखो

पर किसने कहा

किताब लिखो



कमाल किया

किताब नहीं लिखी

बवाल किया



एहसास है ?

भूगोल नहीं है ये

इतिहास है



इतिहास में

छेड़ नहीं करते

परिहास में



जस ले बैठे

तरने की चाह में

बस ले बैठे




पारा गिरा है ?


ना रे ना भाजपा का

तारा गिरा है



राजधानी में

गिर गई उनकी

भैंस पानी में



सियासी एडो !

भूत बन जाओगे

जिन्न ना छेड़ो


-अलबेला खत्री




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