जाड़े का मौसम, छोटी रजाई
बांहों में भर ले बलम हरजाई
ननद निगौड़ी बाज़ न आए
दरवज्जे पर कान लगाए
सरका दे खटिया,
बिछाले चटाई .............बांहों में भर ले ...........
तू मेरा राजा, मैं तेरी रानी
अब काहे की आना-कानी
काहे का डर
मैं हूँ तेरी लुगाई .........बांहों में भर ले ..........
मेरे दिल का दरद न जाने
मैं जो कहूँ तो बात न माने
बाबुल ने ढूँढा है
कैसा जमाई ..................बांहों में भर ले ............
तेरे ही नाम की बिन्दिया-काजल
झुमका , कंगना,बिछुआ,पायल
तेरे ही नाम की
मेंहदी रचाई ..............बांहोंमें भर ले ..............
अपना हो के यूँ न सज़ा दे
प्यासी हूँ मैं मेरी प्यास बुझा दे
मर जाऊंगी वरना
राम दुहाई ....................बांहों में भर ले.................
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