गुरुवार, 18 मार्च 2010
इत्ते भर से गा लूँगा
मैं तुझे गाना चाहता हूँ
गुनगुनाना चाहता हूँ
बस..........
ज़रा कंठ सध जाये
ताल बैठ जाये
सुर लग जाये
और
मूड बन जाये
ज़िन्दगी !
ओ ज़िन्दगी !
गीत हों न हों
गीतकार का दर्द तो है
संगीत हो न हो
सांस की झंकार तो है
मैं गा लूँगा
इत्ते भर से गा लूँगा
बस............
ज़रा कंठ सध जाये
ताल बैठ जाये
सुर लग जाये
और
मूड बन जाये
www.albelakhatri.com
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बस, तो शुरु हो जाईये और सुनाईये गाना!
जवाब देंहटाएंWaah! waah!! waah!!!.. dil khush ho gaya ji
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंमैं गा लूँगा
जवाब देंहटाएंइत्ते भर से गा लूँगा
बस............
वाह वाह गाईये हम सुन रहे हैं धन्यवाद्
जल्दी से मूड बनाओ जी!
जवाब देंहटाएंहमारे कान प्यासे हैं!