शनिवार, 15 मई 2010
आदरणीय कवियों और कवयित्रियों !क्या आप एक नज़र इधर डालने की कृपा करेंगे
हज़ारों हज़ार कवि हो चुके, लाखों लाख कवितायें लिखी
जा चुकीं........लेकिन आज भी यह प्रश्न जब उठता है कि
कविता क्या है ? तो अच्छे अच्छे कवि और लेखक
गोलमोल बातें करके शब्दजाल द्वारा कुछ ऐसा जवाब देते हैं
जिसका कोई मतलब नहीं होता ..........क्षमा कीजियेगा, मैं भी
उनमे से एक हूँ जो दो घंटे तक कविता सुना सकता हूँ लेकिन
कविता पर दो मिनट भी सटीक और सार्थक
नहीं बोल सकता .......
इसलिए आज से मैं इस ब्लॉग पर कविता के बारे में एक
जानकारीपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण धारावाहिक चर्चा आरम्भ कर
रहा हूँ जिसमे आप पढेंगे कि दुनिया भर के विद्वानों ने
कविता के बारे में क्या कहा है ........
निवेदन ये है सभी से कि जब आप अपनी टिप्पणी करें तो
यह ज़रूर लिखें कि कविता के बारे में आप क्या सोचते हैं
इस प्रकार यह एक संकलन हो जायेगा जिसे पुस्तक के
रूप में प्रकाशित करके कविता की परिभाषायें उपलब्ध
करायेंगे।
ख़ास बात ये होगी कि इसमें पुराने विद्वान भी शामिल होंगे
और आज के कवि - ब्लोगर भी............
तो प्रस्तुत है पहली कड़ी...............इस पर आपकी टिप्पणी
ज़रूर मिलनी चाहिए ताकि मुझे लगे कि ऐसे विषय पर
काम करो, तो भी लोग पढ़ते और टिपियाते हैं
---
क्या है कविता ?
कविता छाया खड़ी करने की कला है ......... वह
किसी चीज़ को हस्ती प्रदान नहीं करती ।
- बर्क
कविता आत्मा का संगीत है और सबसे ज़्यादा
महान व अनुभूतिशील आत्माओं का ।
वोल्टेर
कविता की कला भावनाओं को छूना है और उसका
कर्त्तव्य उन्हें सदगुण की ओर ले जाना है ।
- कूपर
सत्य से सत्य को सुन्दर से सुन्दर रूप देना कविता है ।
- श्रीमती ब्राउनिंग
उत्कृष्ट कवि की लाजवाब कविता भी बिना
राम नाम के शोभा नहीं देती जैसे कि सब तरह से
सजी हुई सर्वान्गसुन्दरी चंद्रमुखी स्त्री बिना वस्त्र के
शोभा नहीं पाती और अगर किसी कुकवि की सब गुण
रहित वाणी राम नाम के यश से अंकित हो तो
बुधजन उसे सुनते सुनाते हैं और सन्त लोग मधुकर
की तरह उसके गुण को ग्रहण करते हैं ।
- गोस्वामी तुलसीदास
कविता किससे बनी है ? एक भरे हुए हृदय से,
जो कि सद्भावना से लबालब भरा हो।
- गेटे
कविता का जामा पहन कर सत्य और भी चमक उठता है ।
- पोप
आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में............
www.albelakhatri.कॉम
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
स्तुत्य कार्य
जवाब देंहटाएंस्वागत योग्य
पर कविता मेरी पड़ोसन का नाम है. हा हा ..
मेरी नज़र में कविता "भावनाओं को यथारूप व्यक्त करना कविता है"
पते की बात कही श्रीमान !
जवाब देंहटाएंचुन-चुनकर सुन्दर परिभाषाएँ दी है आपने!
जवाब देंहटाएंbahut khoob sir...ham to yahi kahenge ki dil se nikli har baat kavita hi hai
जवाब देंहटाएंअलबेला जी,.....प्रस्तुत सारी परिभाषा कविता की यथार्थ को बताती है वास्तव में कविता ऐसी ही होती है..
जवाब देंहटाएंमुझे तो ज़्यादा कुछ पता नही बस यहीं कहना चाहूँगा की कविता मन के भावनाओं का शाब्दिक रूपांतरण है..
दिल में भावनाओं का जो भूचाल आता है,
जवाब देंहटाएंशब्दों में पिरो दो तो कविता बन जाता है.
और हां.. मैं कविता को विसंगतियों से लड़ने का हथियार भी मानता हूं।
जवाब देंहटाएंआपने अच्छा लिखा है।
"जब मन के भाव कागज़ पर शब्द बनकर बिखर जाते हैं, तो कविता बन जाती है.... फ़िरदौस ख़ान"
जवाब देंहटाएं