मंगलवार, 18 मई 2010

ब्लोगवाणी से सबकी यारी हिन्दी चिट्ठाकारी में




टिप्पणियों
की मारामारी हिन्दी चिट्ठाकारी में

लेखन पर टिप्पणियां भारी हिन्दी चिट्ठाकारी में


द्वेषपूर्ण जुमलेबाज़ी को ढेरों पाठक मिल जाते

तरस रही रचना बेचारी हिन्दी चिट्ठाकारी में


चिट्ठाजगत के सारे साधक करें मोहब्बत गूगल से

ब्लोगवाणी से सबकी यारी हिन्दी चिट्ठाकारी में


पुरूष यहाँ केवल पुरूषों के लिए नहीं पर

सिर्फ नारी के लिए है नारी हिन्दी चिट्ठाकारी में


केवल दो पंक्ति लिख कर ही हो हल्ला कर देते हैं

ऐसे ऐसे यहाँ मदारी हिन्दी चिट्ठाकारी में


मज़हबवादों, बकवादों, उन्मादों से बचना मुश्किल

चलती है तलवार दुधारी हिन्दी चिट्ठाकारी में


कभी कभी तो पोस्ट देखके सोच में मैं पड़ जाता हूँ

ये रचना है या बीमारी हिन्दी चिट्ठाकारी में


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www.albelakhatri.com

6 टिप्‍पणियां:

  1. द्वेषपूर्ण जुमलेबाज़ी को ढेरों पाठक मिल जाते

    तरस रही रचना बेचारी हिन्दी चिट्ठाकारी में
    Kaheen bhee nahee chhodte ho :)

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  2. "ये रचना है या बीमारी हिन्दी चिट्ठाकारी में"

    बहुत सही दिशा में कलम चलाई है आपने!

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  3. "कभी कभी तो पोस्ट देखके सोच में मैं पड़ जाता हूँ
    ये रचना है या बीमारी हिन्दी चिट्ठाकारी में"


    अति सुन्दर अलबेला जी!

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  4. जो भी है, बाँधे रखे हैं हिन्दी चिट्ठाकारी. :) बढ़िया!

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