रविवार, 31 अक्तूबर 2010
अपने धर्म को भूल जाना सचमुच बुरे से बुरा काम है
अपनी त्रुटि का पता चलने के बाद उसे मिटाने में
थोड़ा भी समय नहीं खोना चाहिए ।
इसी में हम कुछ करते हैं ; यही नहीं बल्कि सच्चा काम करते हैं ।
इसके विपरीत आचरण करके
अपने धर्म को भूल जाना सचमुच बुरे से बुरा काम है
- महात्मा गांधी
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गांधी जी की नोआखाली में किसने सुनी...उन्होंने भी नहीं जिनके लिये दो देश बन गये..
जवाब देंहटाएंमहात्मा गांधी की तो नोआखाली में भी नहीं सुनी गई, उन्होंने भी नहीं जिनके लिये एक देश और बना दिया गया...
जवाब देंहटाएंमहात्मा गांधी की तो नोआखाली में भी नहीं सुनी गई, उन्होंने भी नहीं जिनके लिये एक देश और बना दिया गया...
जवाब देंहटाएंहमने ही सिद्धान्त अपनाया हुआ है!
जवाब देंहटाएंयही तो आदमी की पहचान है!
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