शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2010
बहुत याद आएगी आज अहमदाबाद के कवि सम्मेलन में अशोक भट्ट की ..........
आज अहमदाबाद में बहुत बड़ा कवि-सम्मेलन है । राष्ट्रीय स्तर के
इस काव्य-महोत्सव में अनेक सुप्रसिद्ध और नामी-गिरामी
कवि/कवयित्री काव्य प्रस्तुति देंगे ।
मैं भी जा रहा हूँ वहां ....लेकिन आज वो उत्साह नहीं है जो हमेशा
हुआ करता है । पिछले 25 वर्षों में अहमदाबाद के लगभग 300
कवि सम्मेलनों में मैंने काव्यपाठ किया है पर आज पता नहीं क्यों
जाने का मन भी नहीं कर रहा है ।
इस के दो बड़े कारण हैं...पहला तो ये कि जो अक्सर कवि-सम्मेलनों
की रौनक हुआ करते थे वे विद्वान पुरूष और विधानसभाध्यक्ष
श्री अशोक भट्ट अब हमारे बीच नहीं रहे....कल ही उनका अन्तिम
संस्कार हुआ है और दूसरा कारण है अहमदाबाद शहर की संवेदनशीलता
अयोध्या पर आये निर्णय के बाद किसी प्रकार की अशांति की आशंका के
दृष्टिगत अभी घर से बाहर निकलना है तो जोखिम पूर्ण परन्तु जोखिम
का दूसरा नाम ही तो है ज़िन्दगी............
सो जा रहा हूँ....................
भारी मन से ही सहीं, अपना कर्म तो करना ही है
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ाशोक भट्ट जी को हमारी विनम्र श्रद्धाँजली। कर्म तो करते ही रहना चाहिये। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंशो मस्ट गो ऑन ...
जवाब देंहटाएंमित्रवर!
जवाब देंहटाएंये अशोक भट्ट ऊधमसिंहनगर के ए.एस.पी. तो नही हैं!