बुधवार, 6 जनवरी 2010
गुरूपर्व के परम पावन अवसर पर हिन्दू और हिन्दूत्व के रक्षक दशमेश श्री गुरु गोबिन्दसिंहजी के श्रीचरणों में..
जिकर आफ़ाक़ न हुन्दा,
तां धरती दा बिन्दू किंवें होन्दा ?
जिकर होन्दा न अक्खां विच पाणी,
तां फेर सिन्धु किंवें होन्दा ?
हिन्दू अते सिक्ख विच फ़र्क करण वालयो ,
तवारीख कैन्दी ए
जिकर सिक्ख न होन्दा,
तां फेर हिन्दू हिन्दू किंवें होन्दा ?
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बिलकुल सही कहा आपने
जवाब देंहटाएंसवा लाख से एक लड़ाऊँ,
जवाब देंहटाएंतब गोबिन्द सि्ह नाम कहाऊँ।
बिलकुल सही कहा !
जवाब देंहटाएंवाह वाह बहुत गहरी बात बधाई
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