शनिवार, 11 सितंबर 2010
आज मेरे हिन्दोस्तान ने असली तिरंगा फहराया है
तन हर्षाया
मन हर्षाया
घर-आँगन हर्षाया है
ऐसा अवसर आया है
एक के घर केशरिया रंग में विघ्नहर्ता की स्थापना
धवल वस्त्र में दूजे के घर संवत्सरी का क्षमापना
तीजे घर में ईद मुबारक, हरियाला क्षीर-खुरमा बना
रंगों की गांठें खुल गईं और गुल ख़ुशी के खिल गये
हम मिले या न मिले, हमारे त्यौहार गले मिल गये
मन्दिर की केसरी
दैरासर की श्वेत
और
मस्जिद की हरी ध्वजा ने दुनिया को दिखलाया है
आज मेरे हिन्दोस्तान ने असली तिरंगा फहराया है
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तो संग बोल ही ले ----वन्दे मातरम.....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है...
जवाब देंहटाएंज़बरदस्त.... फिर भी हम सबक नहीं लेते हैं....
जवाब देंहटाएंवाह्!
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