शनिवार, 12 दिसंबर 2009
ज़बरदस्ती के लिए फुर्सत नहीं है
कल एक ग़ज़ल कही थी "फुर्सत नहीं है"
ज़्यादातर पाठकों को उसे पढ़ने की फुर्सत ही नहीं मिली
इसलिए मैंने आज 10 ग़ज़लें इसी ज़मीन पर लिख दी हैं ।
थोड़ी सी फुर्सत निकाल कर पढ़ लेंगे तो आपका क्या जाएगा ?
मेरा दिल रह जाएगा ....है के नहीं !
तो फिर आइये , बांचिये और टिपियाइये.....
ताकि मुझे भी फुर्सत मिले थोड़ी सी.....
मौज मस्ती के लिए फुर्सत नहीं है
मटर गश्ती के लिए फुर्सत नहीं है
बस्ती वालों के लिए फुर्सत कहाँ ?
घर गृहस्थी के लिए फुर्सत नहीं है
मूड है गर प्यार का तो बोलिये !
ज़बरदस्ती के लिए फुर्सत नहीं है
मैं वतन दुरूस्त करने में जुटा हूँ
तनदुरूस्ती के लिए फुर्सत नहीं है
सरफ़रोशी की तमन्ना जग गई है
सर परस्ती के लिए फुर्सत नहीं है
मुल्क की हस्ती रहे, इस फिक्र में
अपनी हस्ती के लिए फुर्सत नहीं है
--अलबेला खत्री
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"मैं वतन दुरूस्त करने में जुटा हूँ
जवाब देंहटाएंतनदुरूस्ती के लिए फुर्सत नहीं है"
इस काम को तो नेताओं के लिये छोड़ दिया होता!
मुल्क की हस्ती रहे, इस फिक्र में
जवाब देंहटाएंअपनी हस्ती के लिए फुर्सत नहीं है
--जे बात!! बहुत उम्दा ख्याल हैं जी!!
मुल्क की हस्ती रहे, इस फिक्र में
जवाब देंहटाएंअपनी हस्ती के लिए फुर्सत नहीं है
bahut badhiya baat kahi.
बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंलो भाई हमने फुरसत निकाल ली, और कोई अहसान नहीं किया चटका न.3 देके, पढकर बहुत अच्छा लगा, जैसे आपने इधर ताला नहीं लगाया वैसे उधर वाले ब्लाग से भी हटा दें, किसकी मजाल है आपके माल को चुरा ले जाए, इससे यह लाभ है जैसे में बताना चाहता हूं कौनसा शे'र पसंद आया तो उसे कापी करके कमेंटस बाक्स में पेस्ट किया जा सकता है,
जवाब देंहटाएंमैं वतन दुरूस्त करने में जुटा हूँ
तनदुरूस्ती के लिए फुर्सत नहीं है
दिल खुश हो गया की मौज के लिए कोई जगह नहीं ... तहेदिल से शुक्रिया .
जवाब देंहटाएंजबरदस्ती के लिए फुर्सत बहुत,
जवाब देंहटाएंप्यार करने के लिए फुर्सत नही है।
मटरगश्ती के लिए फुर्सत बहुत,
काम करने के लिए फुर्सत नही है।
पढ़कर आपकी इस गजल को,
जवाब देंहटाएंमेरे मन में ख्याल आया।
जैसे लिखा गया है इसे,
सिर्फ मेरे ही लिये )