बुधवार, 30 दिसंबर 2009
कुछ ऐसे दीवाने हैं कि.........
न मन्दिर में,
न मस्जिद में,
न गिरजाघर में पाया है
इसी नरदेह में,
अनहद के
सच्चे घर में पाया है
कई रोते-भटकते,
एड़ीयां
घिसते रहे युग-युग
तो कुछ ऐसे
दीवाने हैं कि
बस पल भर में पाया है
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कई रोते-भटकते,
जवाब देंहटाएंएड़ीयां
घिसते रहे युग-युग
कई रोते-भटकते,
एड़ीयां
घिसते रहे युग-युग
इनमें हम भी तो एक हैं।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!
वाह वाह!!
जवाब देंहटाएंमुझसे किसी ने पूछा
तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो,
तुम्हें क्या मिलता है..
मैंने हंस कर कहा:
देना लेना तो व्यापार है..
जो देकर कुछ न मांगे
वो ही तो प्यार हैं.
नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.