मंगलवार, 15 दिसंबर 2009
मिट्टी को मेरी छूकर कर डाला तूने सोना
कमाल कर दिया रे
धमाल कर दिया रे
नज़रे-क़रम से तूने
निहाल कर दिया रे
अब और क्या मैं मांगूं
सब कुछ तो मिल गया है
सदियों से बन्द था जो
शतदल वो खिल गया है
नूरानी कर दिया है भीतर का कोना कोना
मिट्टी को मेरी छूकर कर डाला तूने सोना
महका दिया है तन-मन
महका दिया है आँगन
सूखा ही था जो अब तक
हरिया गया वो गुलशन
अब छोड़ के न जाना, बस इतनी इल्तज़ा है
तुझ बिन नहीं है कुछ भी, तू है तो हर मज़ा है
मेरे हुज़ूर ! तेरा दीदार हो गया है
संसार सारा जैसे गुरूद्वार हो गया है
उद्धार हो गया है
उद्धार हो गया है
उद्धार हो गया है
धन्य है तू और तेरी रहनुमाई
धन्य है तू और तेरी रहमताई
धन्य है तू धन्य है हर गीत तेरा
धन्य है तू धन्य है संगीत तेरा
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कमाल कर दिया और धमाल कर दिया..बहुत बढ़िया क्या भावना है ..सुंदर गीत बधाई अलबेला जी
जवाब देंहटाएंसुंदर गीत बधाई अलबेला जी
जवाब देंहटाएंधन्य है तू!!
जवाब देंहटाएंवाकई...
बढ़िया गीत!!
बढिया गीत है अलबेला जी।बधाई।
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